हरियाणा

ई पंचायत व्यवस्था के खिलाफ मुंडलाना खंड के सरपंचों ने खंड विकास कार्यालय के मुख्ये द्वार पर जड़ा ताला

सत्यखबर,गोहाना (सुनील जिंदल)

प्रदेश सरकार द्वारा पंचायातों के विकास कार्यों का लेखा जोखा पूरी तरह से आनलाईन करने की व्यवस्था के खिलाफ प्रदेश भर में सरपंचों और ग्राम सचिवों का विरोध जारी है। इस कड़ी में शुक्रवार को मुंडलाना खंड के सरपंचों और ग्राम सचिवों ने भी विरोध जताते हुए गोहाना-जीन्द मार्ग पर मुंडलाना खंड कार्यालय के मुख्य द्वार पर ताला जड़कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा अनिश्चितकालीन धरना देने की घोषणा की प्रदर्शन कर रहे सरपंच व् ग्राम सचिव का कहना है की 28 मार्च को मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ बुलाकर सरपंचो की सभी मांगो को मानने से मना कर दिया जिस के चलते सरपंच व् ग्राम सचिव में सरकार के खिलाफ रोष बना हुआ है विरोध कर रहे सरपंचो व् ग्राम सचिव ने कहा जब तक मांगे नही मानी जायेगी विरोध जारी रहेगा सरपंचो व् ग्राम सचिव के विरोध के चलते मोके पर भारी पुलिस बल मौजूद रहा  विरोध कर रहे मुडलाना बलोक के सरपंच व् ग्राम सचिव ने कहा की 28 मार्च को मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ बुलाकर सरपंचो की बेजती की वहा जबरदस्ती हमारे को धके मारे गए और हमारी जो मांगे थी उहने भी मानने से माना कर दिया गया सरकार दवारा लागु की जा रही  ई प्रणाली के में अभी काम करने में परेशानी आ रही है सरपंच सरकार की इस ई प्रणाली का विरोध नहीं कर रहे लेकिन इस में सुधर की मांग कर रहे है किसी भी गांव में नेट की पूरी तरह से सुविधा नहीं किसी सरपंच के पास अपना कम्प्यूटर नहीं। जब काम करवाने के लिए खंड कार्यालय में आते हैं तो सचिव भी अभी तक इतने तकनीकी तौर पर इतने सक्षम नहीं कि वे हमारा सारा काम कम्प्यूटर से कर दें। संजय मान का कहना है कि जो काम ग्राम सभा में पारित करके जीपीडीपी साईट पर डाले जाते हैं वे विभाग द्वारा अपू्रवल होकर अपने समय पर आते हैं मगर कुछ कार्य ऐसे हैं कि जो सरपंच को मौके पर ही करवाने पड़ते हैं ऐसे में वे महीनों तक इंतजार करते रहेगें। इतना ही नहीं लंबे समय से मुंडलाना खंड में कोई बीडीपीओ तक नियुक्त किया गया। मात्र पांचवी या दसवीं कक्षा तक पढ़े सरपंचों को कोई दस बीस दिन में कम्प्यूटर का ज्ञान नहीं हो सकता  कहा कि पहले हमें तकनीकी तौर पर अपडेट करें और कार्यालयों में पूरी मूलभूत सुविधाएं दी जाये साथ ही सरपंचों को भी कम से कम एक साल का क6पयूटर डिपलोमा हो तो जाकर कहीं थोड़ा बहुत आनलाईन काम हो सकता है। इसलिए उनकी मांग है कि सरकार ई पंचायत प्रणाली को तभी लागू करे जब सरपंच या ग्राम सचिव पूरी तरह से अपडेट हों

 

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